महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण पर आईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज में चर्चा

महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण पर आईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज में चर्चा

ग्रेटर नोएडा,26 अक्टूबर। आईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज में आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने वेबिनार के द्वारा महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण पर एक वार्षिक सत्र का आयोजन किया गया। इस वार्षिक सत्र का उद्धेश्य लैंगिक संवेदनशीलता और कैंपस समुदाय में महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव और महिलाओं के यौन उत्पीडन से संबंधित मुद्धों के बारे में जागरूकता पैदा करना था। कॉलेज के अधिशासी निदेशक डॉ. विकास सिंह ने महिलाओं और छात्राओं के लिए परिसर में एक सुरक्षित और सहायक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कॉलेज के समर्पण के बारे में बात की और प्रतिभागियों को बताया कि कॉलेज परिसर में छात्राओं और महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए एक महिला हेल्प डेक्स बनायी गयी है जहां छात्राएं और महिला कर्मचारी अपनी शिकायत व समस्याएं वेझिझक होकर महिला हेल्प डेस्क की सदस्यों के सामने रख सकती हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि मिशन शक्ति अभियान शासन की वृहद योजनाहै, इसकी केवल शुरुआत नहीं होनी चाहिए बल्कि इसका जमींनी स्तर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, जिसमें कॉलेज के सभी विभाग अपना योगदान दे रहे हैं। सत्र के दौरान विशेषज्ञ वक्ता, वरिष्ठ वकील सुनीता दत्ता ने महिलाओं के कानूनी अधिकारों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लैंगिक समानता को भेदभाव के कई मूलकारणों को खत्म करने के लिए तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता है, जो अभी भी निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं के अधिकारों को कम करती है, इसके लिए भेदभावपूर्ण कानूनों को बदलने और कानून को समान रूप से उन्नति के लिए अपनाना चाहिए। डॉ. फरहत मोहसिंन, फरीदाबाद के एमआरआईयू में एसोसिएट प्रोफेसर हैं, ने महिला सुरक्षा संबंधी मुद्धों के बारे में जागरूकता लाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और कहा कि महिलाओं और छात्राओं को हर जगह समान अधिकार और समान अवसर मिलना चाहिए और हिंसा और भेदभाव से मुक्त रहने में सक्षम होना चाहिए। महिलाओं की समानता, सशक्तीकरण आर्थिक संसाधनों में समान वितरण विकास के लक्ष्यों में एक है। डॉ. संजय यादव ने प्रतिभागियों को बताया कि कॉलेज के सभी छात्रों ने छात्राओं और महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए एक शपथ समारोह को आयोजन किया जिसमें सभी ने भारत के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में सभी महिलाओ और छात्राओं का सम्मान करेगें और उनके अधिकारों को ध्यान रखेगें वे उनकी भावनाओं और गरिमा को उनके कृत्यों और शब्दों से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आहत नहीं करेंगे। सभी पुरूष छात्रों ने शपथ ली कि वे समान अवसर प्रदान करके उनके विकास में अपना पूरा योगदान देंगें।
सत्र के अंत में, आईसीसी और एचओडी-एमबीए की पीठासीन अधिकारी डॉ. सुनीता शुक्ला ने सभी अतिथि वक्ताओं, आईसीसी सदस्यों और छात्रों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया।

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