मानव संसाधन विकास मंत्री के साथ शैक्षिक महासंघ ने शैक्षणिक सत्र को लेकर की विस्तृत वार्ता

नई दिल्ली/ ग्रेटर नोएडा,4 जुलाई। कोरोना काल में केंद्र सरकार विद्यार्थियों की सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखते हुए शिक्षा हेतु हर संभव प्रयास कर रही है। यह बात मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई ऑनलाइन वार्ता में कही। इस संबंध में जानकारी देते हुए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष प्रोफेसर जे. पी. सिंघल ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्री एवं विभाग के अधिकारियों के साथ लगभग 2 घंटे तक हुई चर्चा में महासंघ द्वारा शिक्षा एवं शिक्षकों के विभिन्न मुद्दों को लेकर विस्तार से पक्ष रखा गया।  वार्ता के विषयों में कोरोना की बदलती परिस्थितियों में स्कूल एवं उच्च शिक्षा हेतु शैक्षणिक कैलेंडर,परीक्षा, प्रवेश और अध्यापन के बारे में नवीन दिशानिर्देश जारी करने, आईसीएमआर के दिशा निर्देशों के अनुरूप से विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए कोरोना से बचाव हेतु समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराने, सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए शिक्षक-शिक्षार्थी अनुपात पर पुनर्विचार करने, शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों से पूर्णतया मुक्त रखने, स्ववित्तपोषित शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों को नियमित वेतन भुगतान करने, रिफ्रेशर,ओरियंटेशन कोर्स की छूट अवधि 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाने, उच्च शिक्षा में प्राचार्य की नियुक्ति अवधि उसकी सेवानिवृत्ति तक करने‌ तथा यूजीसी रेगुलेशन 2018 के संबंध में वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक कर विसंगतियों का निराकरण करने आदि बातें शामिल थी।

शैक्षिक महासंघ की ओर से सुझाव दिए गए  कि ऑनलाइन शिक्षा को अधिक उपयोगी और रुचिकर बनाने के लिए विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। कोरोना महामारी को दृष्टिगत करते हुए सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रम 25% तक कम करते हुए गैर शैक्षिक गतिविधियों को एक साल तक लंबित करने की सलाह भी महासंघ द्वारा दी गई। शैक्षिक महासंघ ने वार्ता में अपना यह मत भी रखा कि क्लासरूम अध्यापन का कोई विकल्प नहीं है लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए ऑनलाइन एवं कक्षा-कक्ष अध्यापन का  हाइब्रिड मॉडल अपनाया जा सकता है।मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रत्येक विषय को एक-एक करके गंभीरता से सुना तथा  दीक्षा, स्वयं, निष्ठा, विद्यादान, युक्ति, स्वयंप्रभा, एनटीए अभ्यास आदि सहित मंत्रालय द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न नवाचारी कदमों की जानकारी दी।  उनका कहना था कि मंत्रालय बदलती हुई परिस्थितियों पर लगातार नजर रखे हुए हैं तथा शिक्षा, शिक्षार्थी और राष्ट्र के हित में निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने शैक्षिक महासंघ को आश्वस्त किया कि जो बातें उनके ध्यान में लाई गई है उन पर अधिकारियों के साथ बैठक कर देकर शीघ्र ही सकारात्मक कार्यवाही की जाएगी। इस वार्ता में यूजीसी के सचिव प्रोफ़ेसर रजनीश जैन, एनसीईआरटी के अध्यक्ष प्रोफेसर ऋषिकेश सेनापति सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।शैक्षिक महासंघ की ओर से अध्यक्ष प्रोफेसर जे पी सिंहल के साथ संगठन मंत्री महेंद्र कपूर, महामंत्री शिवानंद सिंदनकेरा, सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह, उच्च शिक्षा संवर्ग प्रभारी महेंद्र कुमार, अतिरिक्त महामंत्री डॉ निर्मला यादव सहित महासंघ के चार संवर्गों के उपाध्यक्ष और सचिव उपस्थित थे।

 

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