महर्षि पाणिनि वेद-वेदांग विद्यापीठ गुरुकुल में मनाया गया मकरसंक्रांति महापर्व

महर्षि पाणिनि वेद-वेदांग विद्यापीठ गुरुकुल में मनाया गया मकरसंक्रांति महापर्व

ग्रेटर नोएडा,14 जनवरी। सेक्टर ईटा-एक स्थित महर्षि पाणिनि वेद-वेदांग विद्यापीठ (गुरुकुल) में मकर संक्रांति महापर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ गुरुकुल के बटुकों के द्वारा वैदिक एवं लौकिक मंगलाचरण से प्रारंभ हुआ। अतिथि सत्कार के बाद कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप  उपस्थित समाज कल्याण विभाग के अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह पर्व हमें नए उत्साह नई उमंग के साथ जीवन जीने को प्रेरित करता है लेकिन वास्तव में हमारी जीवनचर्या गुरुकुल की पद्धति के अनुसार होनी चाहिए, जिससे हम आधुनिक जीवन में भी हमेशा आध्यात्मिक भावनाओं के साथ साथ मर्यादित एवं सुव्यवस्थित जीवन को जी सकें। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे गुरुकुल में किसी भी प्रकार की प्रशासनिक मदद के लिए वे हमेशा तत्पर है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रभात शर्मा (एडीएम प्रशासन) ने मकर संक्रांति के ज्योतिष शास्त्र साथ -साथ वैज्ञानिक आधार पर विस्तार पूर्वक बताया कि यह केवल सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि पर जाना ही नहीं अपितु हमारे मन, शरीर, प्रकृति से सम्बंधित है । इसीलिए इस पर्व को भारत के प्रत्येक क्षेत्र में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। सनातनी महर्षियों ने हमेशा से ही लोक कल्याण के उद्देश्य से ही पर्व त्योहारों को जीवन शैली में सम्मिलित किया ताकि हम सब प्रकृति से हमेशा अपने आप को जुड़ा हुआ महसूस करें। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि आज का जीवन हम सब का स्वार्थपरक जीवन हो गया है वह विकासवादी सिद्धांत के साथ-साथ प्रकृति पर एक आघात भी है, लेकिन इस प्रकार के त्योहारों के माध्यम से हम कुछ न कुछ प्रयास करके प्रकृति के अनुसार कार्य करें। इसके लिए गुरुकुलीय प्रणाली बहुत ही उत्तम तथा उत्कृष्ट है। गुरुकुल के संस्थापक आचार्य रविकांत दीक्षित ने भी इस महापर्व की विशेषता एवं धर्मशास्त्रीय विधान को बताते हुए कहा कि इस पर्व के पुण्य काल में स्नान तथा दान आदि का विशेष महत्व है।

गुरुकुल के बारे में संचालन के लिए सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि यह भी एक माध्यम है जिसके द्वारा जीवन को हम अध्यात्म से जोड़ सकें, उन्होंने आह्वान किया कि हम सब मिलकर ही अपनी प्राचीन धरोहरों को जीवित रख सकते हैं। कार्यक्रम का  संचालन अलंकार शर्मा  ने किया। अंत में प्रसाद के रूप में खिचड़ी का भंडारा किया गया। इस अवसर पर शहर के गणमान्य सहित गुरुकुल के प्रधानाचार्य प्रेमकांत शर्मा, संचालन समिति के अध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा, कुलदीप शर्मा, अनिल शुक्ला, अरविंद शर्मा, राकेश शर्मा, विनीत पांडेय,  आदि उपस्थित रहे।

 

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