ग्रेटर नोएडा। लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में फार्मेसी (डी.फार्मा,बी.फार्मा, एम. फार्मा) के विद्यार्थियों के लिए ओरिएंटेशन ‘प्रारम्भ’ काआयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कैप्टन विकास गुप्ता, राज्यमंत्री और चेयरमैन, उ.प्र. काउन्सिल ऑफ कृषि अनुसन्धान, लायड ग्रुप के अध्यक्ष मनोहर थैरानी तथा लायड ग्रुप की समूह निदेशिका डॉ. वंदना अरोरा सेठी ने दीप प्रज्व्लित करके किया। इस अवसर पर देश के बहुप्रतिष्ठित दवा कम्पनियों के विशेषज्ञ मनीष नारंग, डायरेक्टर एशिया पैसिफ़िक, एबॉट हेल्थ केयर की डायरेक्टर रेगुलेटरी अफेयर्स, भावना गुप्ता, वी.पी. क्वॉलिटी डॉ. कशिश अज़ीज़, आक्रेशा वेंचर्स लिमिटेड ज्योति सरन, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष फैकल्टी और विद्यार्थी मौजूद थे I इस दौरान विद्यार्थियों ने जमकर कार्यक्रम का आनन्द उठाया। ग्रुप डायरेक्टर वंदना अरोरा सेठी ने कहा “मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलो से उड़ान होती है। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आपकी मेहनत ही आपका असली दोस्त है, दुनिया मे हर चीज आपका साथ छोड़ सकती है लेकिन यहां अर्जित किया हुआ ज्ञान आपके साथ हमेशा रहेगा। छात्रों से जोर देकर कहा की फार्मा और उससे संबंधित उद्योगों का भविष्य उज्ज्वल है लेकिन चुनौतियां भी है।
विश्व स्तर पर काम करने की जरूरत है ताकि यह फार्मा उद्योग के लिए मददगार हो। कार्यक्रम में बच्चों और उनके अभिभावकों को कॉलेज के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। मुख्य अतिथि ने जोर दिया कि छात्रों को अपने तकनीकी कौशल को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए अनुशासन, समय की कीमत को समझना और कड़ी मेहनत जरूरी है। पहले भारतीय फार्मा. इंडस्ट्री डिलिवरी पर फोकस करती रही है लेकिन अब नवाचार पर ध्यान दिया जा रहा है। इसलिए स्पेशलिस्ट बनना और तकनीक पर पकड़ बनानी चाहिए। जैसा कि परंपरा है, समारोह में नए छात्रों को फार्मासिस्ट (शपथ) दिलाई गयी और प्रथम वर्ष के छात्रों को लैब कोट सेरेमनी में श्वेत कोट दिया गया। देश के बहुप्रतिष्ठित दवा कम्पनियो के विशेषज्ञों ने पैनल डिस्कशन ‘युवा फार्मा पेशेवरों पर उद्योग की उम्मीदें’ में कहा कि भारत दुनिया के 200 से अधिक देशों को दवाओं की आपूर्ति करता है। भारतीय फार्मा उद्योग वर्तमान में 49 बिलियन डॉलर का है और यह दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा फार्मा उद्योग है। भारतीय फार्मा उद्योग के 2030 तक 130 अरब डॉलर तक बढ़ने कि संभावना है। इसलिए शुरू में जॉब में पैकेज नहीं देखना चाहिए जितना मौका मिले लर्निंग और तकनीक सीखने पर जोर देना चाहिए। कार्यक्रम का समापन शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ‘प्रोफेशनल एक्सीलेंस अवार्ड्स’ फैकल्टीज के लिए तथा परीक्षा में अभूतपूर्व प्रदर्शन के लिए विद्यार्थियों (डी.फार्मा, बी.फार्मा, एम.फार्मा) को ‘एक्सीलेंस अवार्ड्स’ प्रदान किया गया।