आईबीआई संस्थान में साहित्यम महोत्सव में कवियों और सूफी गायकों ने जमायी महफिल

-आईबीआई संस्थान में दो दिवसीय साहित्यम महोत्सव में देश भर के कवि हुए शामिल

ग्रेटर नोएडा,4 जनवरी। साहित्यम महोत्सव के दूसरे दिन आईबीआई संस्थान नॉलेज पार्क में छात्र ने बांसुरी के ध्वनिक प्रदर्शन के साथ शुरु हुआ, यह कार्यक्रम आईबीआई के संकाय द्वारा परिसर के थ्रिलिंग प्रदर्शन के साथ जारी रहा। दूसरे दिन अभिनेता अरविन्द गौड़, अस्मिता सिनेमाघर के निदेशक द्वारा संस्था के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक  का आयोजन किया गया जिसमें युवाओं को नशा मुक्ति और नशा से होने वाले दुरुपयोग को बताया गया।

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कार्यक्रम में भगत सिंह के पोते यगविन्दर सिंह भी शामिल हुए। साहित्यम उत्सव के सत्र के आधे हिस्से की ओर हिन्दी साहित्य और दुनिया कुछ कहानी बनी, हाकिम तूर सुलेमान टीवी पर वापसी सत्र में प्रसिद्ध व्यक्तियों जैसे आरपी शरमा, दुर्गेश अवस्थी, पंकज शर्मा, रेहान अब्बास, प्रवीण शुक्ल, डॉ. विनोद प्रसून, अमित शर्मा, हिमांशु बाजपेयी ने अपनी कविता के माध्यम से सभी को मुग्ध कर दिया।

इस दौरान पंकज शर्मा की पुस्तक क्या तुम मिलने आओगी के टाइटल गीत ने सभी का मन मोह लिया। दूसरे स्टेज पर चल रहे कवियों की चौपाल में हिन्दी एकेडमी दिल्ली सरकार के डॉ. चन्द्रसेन ने कहा कि कला अनुभूतियों का संसार होता है और साहित्य इंसान के बीच इंसानियत के बीज बोने का कार्य करता है। प्रेम के नामचीन कवियों में शुमार पंकज अंगार की उपस्थिति उनकी नारी का मानचित्र कविता के माध्यम से बनाना और नारी में पूरे हिन्दुस्तान को दिखाना कमाल रहा। उनकी कविता की बोल जिस जगह पर कत्ल होती रौशनी पंकज, उस जगह सुरज सरीखे हम निकलते हैं ने सभी का मन मोह लिया। शुक्रवार शाम सूफी गायकों ने महफिल जमा दी, इस दौरान अपने चिर परिचत गीत को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को संस्थान के प्रबंध निदेशक सुजीत रॉय ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। दो दिन चलने वाला साहित्यम महोत्सव लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।

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