ग्रेटर नोएडा। मरुस्थलीकरण की समस्या से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र समझौते से संबधित संयुक्त राष्ट्र कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज़ – कॉप 14 का सम्मेलन ग्रेटर नोयडा में शुरू हो गया है। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर लोगों की भागीदारी को देखते हुए कॉप 14 से अच्छे नतीजे निकलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अगर जलवायु परिवर्तन को लेकर गंभीर कार्रवाई करते हैं, तो दुनिया एक बेहतर जगह होगी। 13 सितम्बर तक चलने वाले इस सम्मेलन में दुनिया भर से करीब दो सौ देशों के 3 हजार से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस सम्मेलन में भूमि क्षरण, कटाव और उसके बंजर होने की स्थिति से निपटने के बारे में विचार किया जा रहा है। 14वें कॉप सम्मेलन के प्रारंभिक समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि भारत अपने भूमि संसाधनों को संरक्षित करने के लिए पूरी तरफ से प्रतिबद्ध है। इस दौरान भूक्षरण से निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीसीडी) के कार्यकारी सचिव इब्राहिम थियू ने कहा कि कोप की यह बैठक अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन साबित हुआ है। प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पिछले पांच वर्षो में भारत में वन क्षेत्र में 15000 वर्गमीटर की वृद्धि हुई है।
कॉप 14 का लक्ष्य बढ़ते मरुस्थलीकरण से बचना
कॉप 14 सम्मेलन का मकसद दुनिया को बढ़ते मरूस्थलीकरण से बचाना है। इस सम्मेलन के माध्यम से भारत पूरी दुनिया को मरूस्थलीकरण से निपटने का संदेश देगा। कॉप 14 (कांफ्रेस ऑफ पार्टीज) का नाम दिया गया है।
भारत की 30 प्रतिशत जमीन मरूस्थलीकरण से है प्रभावित
इस सम्मेलन में करीब 197 देश हिस्सा ले रहे हैं। इस सम्मेलन की अध्यक्षता फिलहाल चीन करते हुए आया है। साल 2017 में भी चीन ने ही इसका आयोजन किया था। अगले दो सालों में यानी 2020 तक इस सम्मेलन की अध्यक्षता भारत को दी जाएगी। इस पूरी मुहिम में भारत की बड़ी भूमिका है। क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश और जनसंख्या के लिहाज से दुनिया का दूसरा बड़ा देश है। वहीं अकेले भारत की भी करीब 30 प्रतिशत जमीन मरुस्थलीकरण से प्रभावित है।
इब्राहिम थियाव ने हाल के वैज्ञानिक आकलनों की चेतावनियों पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि मौसम से संबंधित आपदाएं जैसे सूखा, जंगल की आग, अचानक से आई बाढ़ और भूमि का क्षरण हमें चेतावनी देती हैं। उन्होंने सदस्य देशों से आग्रह किया कि उन्हें बदलाव के अवसरों को ध्यान में रखना चाहिए और इससे संबंधित कार्य करने चाहिए। इब्राहिम ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हम भारत में आकर बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। यूएनसीसीडी द्वारा आयोजित यह कॉप निसन्देह सबसे बड़ा कॉप है। आशा है कि 197 देशों के लगभग 7200 प्रतिनिधि इस सम्मेलन में शामिल होंगे। प्रतिनिधियों में मंत्री, सरकार के प्रतिनिधि, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, वैज्ञानिक, महिलाएं और युवा शामिल हैं। सम्मेलन में लगभग 30 निर्णय लिए जाएंगे। इन निर्णयों से पूरी दुनिया में भूमि के उपयोग की नीतियों को मजबूत बनाया जाएगा और साथ ही सूखे, धूल की आंधी, रेत से होने वाले खतरों से भी निपटने में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली। केआईआईटी की निदेशक एवं आर्ट ऑफ गिविंग दिल्ली की संयोजिका, कुमकुम शर्मा के…
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब के तत्वावधान में यथार्थ अस्पताल, ग्रेटर नोएडा के सौजन्य…
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जा सकती है-प्रो. जे.पी. पाण्डेय…
ग्रेटर नोएडा। काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सी.आई.एस.सी.ई) बोर्ड ने कक्षा दसवीं और…
ग्रेटर नोएडा। सेंट जोसेफ स्कूल सेक्टर अल्फा वन में विद्यार्थी परिषद का अधिष्ठापन (गठन) हुआ,…
ग्रेटर नोएडा। श्री राम नवमी व नवरात्रि समापन पर केन्द्रीय विहार ग्रेटर नोएडा हवन पूजन…