ग्रेटर नोएडा,24 जुलाई। लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी (फार्मा) पांच दिवसीय कार्यक्रम पहले शिक्षक विकास कार्यक्रम (ई-एफडीपी) की मेजबानी करने पर गर्व महसूस कर रहा है। वर्तमान जरूरतों के अनुसार “आत्मानिभर भारत के लिए फार्मेसी शिक्षा का पुनर्गठन : परिवर्तन के लिए समय” जो कि शिक्षा विकसित करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से कार्य करता है। यह कार्क्रम डॉ. वंदना अरोड़ा सेठी,समूह निदेशक, लॉयड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस और उनकी टीम के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था। इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में डीपीएसआरयू, जामिया हमदर्द, एनआईपीईआर, एमिटी विश्वविद्यालय, किंग सऊद विश्वविद्यालय, बीआईटी, केआईईटी, गलगोटियास विश्वविद्यालय, गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय, आईएसएफ, एनआईईटी, इंटीग्रल विश्वविद्यालय, शारदा विश्वविद्यालय, तैफ विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, कश्मीर विश्वविद्यालय, वेल्स विश्वविद्यालय, आरकेजीआईटी जैसे 300 से अधिक पंजीकरण और 95 से अधिक कॉलेजों ने प्रतिभाग लिया। यह कार्यक्रम 20 जुलाई से शुरू किया गया और 24 जुलाई 2020 को समाप्त किया गया।
इस एफडीपी का उद्देश्य शिक्षण संकाय सदस्यों/शोधकर्ताओं के बीच व्यापक संभावना के लिए सीखने और कौशलों के विकास की निरंतर प्रक्रिया को सुनिश्चित करना था। इस संक्रमणकालीन चरण के दौरान इस कार्यक्रम के माध्यम से फार्मेसी शिक्षकों की दुविधा और मनोवैज्ञानिक चिंताओं को दूर करना, चुनौतियों को समझने और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अवसरों की पहचान करने वाली दृष्टि को विकसित करना था। शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बिना समझौता किये प्रौद्योगिकी और अनुसंधान के लिए पारस्परिक विचारों के आदान-प्रदान के माधयम से कौशलों को विकसित करना और ई-लर्निंग प्रणाली और उपकरणों को अपनाते हुए नवीन शोध विधियों का पता लगाना था।
इस एफडीपी में प्रत्येक दिन पांच दिनों के लिए संवाद अंतःक्रिया और सूचनात्मक सत्र शामिल थे। प्रत्येक दिन मैग्नेट स्पीकर के साथ कुछ रोचक विषयों के साथ साथ एक मनोरंजक सत्र के साथ शामिल था। पहले दिन लॉयड के पास अतुल शिरगांवकर, सीईओ, इनसाइट सिस्टम इंक, पुणे थे। उन्होंने “गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज: कल, आज और कल” विषय पर बात की। दूसरे दिन, प्रो. शुभिनी ए. सराफ, डीन, फार्म ऑफ फार्म विज्ञान, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ ने थ्री-डी प्रिंटिंग और इट्स रिलेन्स इन द पोस्ट कोविड-19 परिदृश्य” विषय पर बात की। तीसरे दिन में डॉ. अनवर आर. शेख, प्रोफेसर और एचओडी, फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री, अल्लाना कॉलेज ऑफ़ फ़ार्मेसी, पुणे के प्रोफेसर और एचओडी द्वारा “वर्चुअल प्रैक्टिकल लैब अ अल्टरनेटिव फॉर ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग प्रोसेस” नामक सत्र शामिल था। चौथे दिन का सत्र ई-कंटेंट सेल के एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. पुष्पेन्द्र कुमार, केआईईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, गाजियाबाद ने “फार्मा प्रोफेशनल्स के लिए ई-लर्निंग कंटेंट डेवलपमेंट” विषय पर लिया। अंत में दिन 5 का समापन शिखा बंसल, एडुकॉम्प सॉल्यूशंस प्राइवेट द्वारा “शिक्षण संकाय के बेहतर उत्पादन के लिए अभिसरण विचार” नामक सत्र के साथ किया गया। डॉ. वंदना अरोड़ा ने उत्साहमयी चेतना से स्वागत सत्र के साथ इस सत्र का उद्घाटन किया और देश भर में हमारे प्रतिनिधियों, सहयोगियों और प्रतिभागियों की सराहना की। यह पांच दिवसीय कार्यक्रम ज्ञान और विशेषज्ञता को सशक्त बनाने के लिए चलाया गया। कुल मिलाकर, यह एक व्यापक, ज्ञानवर्धक और रोचक सत्र था जो निश्चित रूप से संकायों, अनुसंधान विद्वानों और शिक्षाविदों को तैयार करेगा और शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति और विकास के लिए सराहनीय और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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