निर्बाध रुप से बिजली मिलेगी तो उद्यमियों को नहीं चलाना पड़ेगा जनरेटर, सीएक्यूएम का निर्देश नहीं है अनुकूल

Entrepreneurs will not have to run generators if electricity is available uninterruptedly, the instructions of CAQM are not favorable

ग्रेटर नोएडा। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबन्धन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा विगत दो माह में अनेक निर्देश जारी किये है, जिसके तहत 1 अक्टूबर से एनसीआर क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से अधिक होने पर डीजल जेनरेटिंग सेट्स बंद कर दिए जाएंगे। इसी को लेकर इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) विगत समय से वायु गुणवत्ता प्रबन्धन आयोग के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करता आ रहा है। आईआईए के अध्यक्ष जे.एस. राणा ने प्रेस वार्ता के माध्यम से बताया कि  सीएक्यूएम के निर्देशानुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से अधिक होने पर एनसीआर क्षेत्र में केवल पीएनजी आधारित जेनरेटर चलाये जा सकते हैं जबकि पीएनजी की उपलब्धता अभी कुछ ही क्षेत्रों में है। सामान्यतः अधिकतम सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों में 5 केवीए से लेकर 85 केवीए तक के डीजी सेट उपयोग हो रहे हैं, जिनको पीएनजी में परिवर्तित करने की कोई तकनीकी उपलब्ध नहीं है। अतः जहाँ पीएनजी उपलब्ध भी है, वहाँ के लघु उद्योगों को पीएनजी में जनरेटर सेट का बदलना सम्भव नहीं है। जनरेटर सेट का उपयोग तभी  होता है जब विभागीय बिजली सप्लाई बाधित होती है। जनरेटर सेट को पीएनजी में परिवर्तित करने के लिये लगने वाली रिट्रोफाइडेड इमिसियन कन्ट्रोल डिवाइस आयतित उपकरण है, जिसकी तकनीक अभी तक केन्द्रीय प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड द्वारा प्रमाणित नहीं की गयी है। जनरेटर सेट को पीएनजी में परिवर्तित करने की लागत बहुत अधिक है तथा एनसीआर में पीएनजी की कीमतें भी पारम्परिक ईंधन की तुलना में बहुत अधिक है, जिससे उद्योगों के उत्पादों की लागत अधिक होने से उन्हें प्रतिस्पर्धा में बने रहना बहुत कठिन होगा।

जेड रहमान, चेयरमैन न्यू टेक्नॉलॉजी ने बताया कि  एनसीआर के अनेक क्षेत्रों में आये दिन विद्युत कटौती होती रहती है, जिसके कारण यदि जेनरटेर सेट चलाना प्रतिबन्धित हो जाएगा, तो उद्योगों को बन्द ही रखना पड़ेगा जिससे उन्हें बहुत हानि होगी।

विशारद गौतम ने बताया कि औद्योगिक इकाईयों को बिना कारण बताओ नोटिस दिये तत्काल प्रभाव से बन्द करने के आदेष और अर्थदण्ड लगा दिया जाता है।  अप्रदूशणकारी उद्योगों जिनको अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है, उन उद्योगों में भी निरीक्षण कर उन्हें प्रताड़ित करने की सूचना आईआईए को प्राप्त हुई है।

अमित शर्मा सचिव आईआईए ने बताया कि उद्योगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सप्लाई करवाने की कृपा करें, जिससे जेनरेटर सेट का उपयोग कम से कम करना पड़े और वायु प्रदूषण नियंत्रण में रहे। हमारी सरकार आज उद्योगों को 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति देने की बात करती है, अगर बिजली कटौती होती है तो उद्योगों को जेनरेटर मजबूरी में चलाना पड़ता है, जबकि जेनरेटर की यूनिट ग्रीड की यूनिट से 3 से 4 गुणा महंगी पड़ती है। अगर जेनरेटर नहीं चलाया तो उत्पाद सहित मशीन खराब हो जाएगी। अगर ऐसे में बिना पूर्व सूचना के विद्युत आपूर्ति बाधित होती है, तो उस विद्युत कम्पनी के अधिकारी की भी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए।

राकेश बंसल कोषाध्यक्ष, आईआई ने बताया कि एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से ऊपर जाने पर उद्योगों को अपने जेनरेटर डिस्कनेक्ट करने और इन्डेक्स 300 से नीचे आने पर कनेक्ट करने की अनुमति प्रदान की जाये। उद्योगों में किसी भी विभाग द्वारा निरीक्षण के समय स्थानीय औद्योगिक संघों का एक प्रतिनिधि अवश्य शमिल किया जाये, जिससे उद्यमियों का अनावश्यक शोषण रोका जा सके। किसी भी उद्योग को बन्द करने का नोटिस देने से पूर्व एक सुनवाई का मौका व यथा उचित समय जरूर दिया जाना चाहिए। इस दौरान बीआर भाटी, डिविजिनल चेयरमैन, जे.एस. राना, चेयरमैन, अमित शर्मा, सचिव, विशारद गौतम, जेड रहमान, शरबजीत सिंह,मनोज सरदाना,जैनी आदि मौजूद रहे।

 

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