ग्रेटर नोएडा। लॉयड इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में मैनेजमेंट के छात्रों के लिए स्टार्ट-अप पर एक्सपर्ट टॉक व्याख्यान का सफल आयोजन किया गया। ‘अपना खुद का व्यवसाय शुरू करें’, ‘कुशल उद्यमी बने’ और ‘खुद के स्वामी बने’। कार्यक्रम के विशेषज्ञ मि.चंदन तिवारी एक एंटरप्रेन्योरियल डेवलपमेंट काउंसिल में संस्थापक और सीईओ, स्टार्टअप इंडिया में मेंटर, स्टार्ट इन यूपी, माइक्रो मेंटर यूएसए, मेंटर एट चेंज इन एआईएम, नीति आयोग, देश का मेंटर्स में मि.तिवारी का नाम एक मिसाल है। एक आईआईटीएन होने के कारण उन्होंने अपने संघर्षों को साझा करते हुए व्यवसाय और स्टार्टअप के बीच के अंतर को समझाया जिसके कारण उन्होंने आई आई एम से एमबीए किया। उन्होंने ग्रामीण विकास के बारे में अध्ययन किया और बताया कि आज के समय में उधमिता पूर्ण कौशल की बहुत मांग है और बहुत महत्वपूर्ण है। उद्यमी परिषद का मुख्य उद्देश्य प्रतिभाओं की पहचान करना और उन पर काम करना भी है।उन्होंने छात्रों को यह कहकर प्रोत्साहित किया कि हर किसी की एक अनूठी शैली होती है – जो उनकी सबसे अच्छी शैली है।उनका मानना है कि समस्याओं की पहचान से समाधान शुरू होता है और यह एक अच्छा नेटवर्क होने से सक्षम होता है। अपने विचारों को अन्य लोगों के साथ साझा किया जा सकता है। जो लोग रचनात्मक और सृजनशील होते हैं वह नकारात्मकता और सकारात्मकता के बारे में जागरूक हों।एक उद्यमिता के रूप में में हमें स्वयं पहल करनी होगी कोई भी हमारे लिए यह करने वाला नहीं है। कोई भी उद्यम या व्यवसाय अपने विचार से शुरू करें, उस पर विश्वास करें।
मि.तिवारी ने उन समस्याओं और कमियों के बारे में भी उल्लेख किया जिनका सामना करना पड़ सकता है जैसे बिक्री के लिए कोई सलाहकार नहीं हैं लेकिन विपणन के लिए कई हैं, इसलिए किसी को सरकारी सहायता किस प्रकार लेनी और सरकार उद्यमियों को कैसे सहायता प्रदान करती है? इसका भी विस्तार पूर्वक उल्लेख करते हुए बताया कि ईडीसी उद्यमियों को समर्थन देने के लिए क्या करता है और स्टार्टअप में व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करता है। उन्होंने 10 रुपये के साथ स्टार्टअप की शुरुआत की और अब जिसकी 100 करोड़ की फंडिंग है।
मनोज कुमार जेना – केएनकेटी इंडिया सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ,मेंटर एट चेंज इन एआईएम, नीति आयोग से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपने संघर्ष और अपनी गलतियों से कैसे सीखा इस पर विचार साझा करते हुए बताया कि शुरुआती स्टार्ट-अप बुरी तरह विफल रहे और कैसे उन्होंने अपनी विफलताओं को शालीनता से स्वीकार किया और अपनी समस्याओं की पहचान की । उन्होंने छात्रों को सपने देखने और जमीन पर टिके रहने, अपनी गलतियों से सीखने और हमेशा इसे आजमाने के लिए प्रोत्साहित किया। यह कार्यक्रम ग्रुप डायरेक्टर डॉ वंदना अरोड़ा सेठी और निदेशक लॉयड बिजनेस स्कूल डॉ.अशोक तिवारी के मार्गदर्शन में किया गया।
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