-बताया आम ज़िन्दगी में कैसे लगायें ब्रैस्ट कैंसर का पता, किये सिलिकॉन डमी इस्तेमाल
ग्रेटर नोएडा,27 फरवरी। एक अध्ययन के अनुसार देश में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम कैंसरों में से एक है, साथ ही हर चार मिनट में एक महिला ब्रैस्ट कैंसर से डायग्नोज़ होती है। देर से इलाज शुरू होना और जागरुकता की कमी इस चिंताजनक आंकड़े के प्रमुख कारण है। इसी विषय को ध्यान में रखते हुए जागरुकता के उद्देश्य से हाल ही में जेपी अस्पताल ने ब्लिस फाउंडेशन के सहयोग से ब्रैस्ट कैंसर स्क्रीनिंग एंड ब्रैस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जहां सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉक्टर आशीष गोयल और उनकी टीम के ऑन्कोलॉजी डॉक्टर अभिषेक गुलिया, डॉक्टर रेखा और डॉक्टर विकास ने उपस्थित महिलाओं को ब्रैस्ट कैंसर के प्रति जागरुक किया। साथ ही कार्यक्रम में ब्लिस फाउंडेशन के वालंटियर्स और मेम्बर्स भी मौजूद थे जिन्होंने ब्रैस्ट कैंसर के प्रति जागरुकता का सन्देश दिया, और व्यवहारिक ज़िन्दगी में कैसे ब्रैस्ट कैंसर के लक्षणों को पहचाना जाए इसको बेहतर तरीके से समझाने के लिए सिलिकॉन ब्रैस्ट डमीज़ के ज़रिये समझाया। डॉक्टर आशीष गोयल, एसोसिएट डायरेक्टर, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, जेपी अस्पताल, नोएडा ने कहा कि कैंसर के विषय में ध्यान देने वाली बात है कि एक गांठ को बनने में बहुत वक़्त लगता है, ऐसे में यदि कोई महिला आज अपनी ब्रैस्ट में किसी गांठ की उपस्थिति महसूस कर रही है, तो बहुत मुमकिन है वह गांठ उस जगह पिछले कम से कम 6 से 8 महीनों से हो। इसलिए तुरंत संबंधित डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, ताकि आने वाले जोखिम को रोका जा सके। कैंसर का बढ़ता दायरा चिंता का विषय है ही, लेकिन उससे कहीं अधिक चिंताजनक है इसका अब कम उम्र की महिलाओं में नज़र आना। कैंसर के बढ़ने के कारण बहुत व्यापक हैं, जिसमे बदलती जीवनशैली भी एक है, एहतियात के तौर पर शरीर में किसी भी गाँठ को नज़रंदाज़ न करें, तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, साथ ही 40 वर्ष से अधिक उम्र की हर महिला को नियमित ब्रैस्ट स्क्रीनिंग के लिए जाना चाहिए, और स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। कार्यक्रम में सिलिकॉन ब्रैस्ट डमीज़ के इस्तेमाल के साथ बताया गया कि किस तरह ब्रैस्ट में गाँठ महसूस हो तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, साथ ही डमीज़ के ज़रिये यह भी बताया गया कि किस तरह ब्रैस्ट में डिंपल या गड्ढा हो तो वह भी ब्रैस्ट कैंसर का शुरुवाती लक्षण हो सकता है, क्योंकि हो सकता है की कैंसर की गाँठ ब्रैस्ट की त्वचा को अन्दर की और खींच रही हो। ब्रैस्ट कैंसर के प्रति जागरुकता का यह व्यवहारिक तरीका बहुत कामयाब है। कैंसर के प्रति जागरुकता के ऐसे ही तरीकों की ज़रूरत है ताकि इस बढ़ते आंकड़े को रोकने में मदद मिले।
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